Monday, September 28, 2009

# Sholay:An Unsolved Mystery

समय:1972 की एक सर्द शाम
जगह
:खार,मुंबई

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एक ऑफिस-नुमा कमरे में एक निर्माता-निर्देशक पिता-पुत्र की जोड़ी एक नव-निर्मित लेखक जोड़ी से अपनी नयी फिल्म के लिए कहानियाँ सुन रही है.लेखक जोड़ी दो कहानियाँ सुनाती है:
पहली:गरीब नायक को ब्रेन ट्यूमर है,मृत्यु को निश्चित जान कर अपने घर के हालात सुधारने के लिए वोह  पैसे के बदले में किसी और के क़त्ल का इल्जाम अपने सर ले लेता है ।

दूसरी:एक रिटायर्ड आर्मी अफसर के परिवार का सामूहिक हत्याकांड हो जाता है ।  उसे अपने दो जूनियर कोर्ट-मार्शल्ड अफसरों की याद आती है । जो बदमाश पर बहादुर थे ।  रिटायर्ड आर्मी अफसर उनको अपने बदला लेने की मुहीम में शामिल करने की सोचता है ।

पहली कहानी की संपूर्ण स्क्रिप्ट तैयार थी जबकि दूसरी सिर्फ इन चार लाइन के विचार मात्र से पनपना बाकी थी । युवा निर्देशक को दोनों कहानी पसंद आती है पर आर्थिक पहलु के चलते सिर्फ एक कहानी का सौदा हो पाता है,बुज़ुर्ग एवं अनुभवी पिता लेखक जोड़ी को 75,000/- में उस चार लाइन के विचार को एक संपूर्ण कहानी में विकसित करने के लिए अनुबंधित कर लेता है । निर्देशक पुत्र को भान है के उसके पिता ने घाटे का सौदा नहीं किया है । 

दोस्तों,निर्माता-निर्देशक पिता-पुत्र थे जी.पी.सिप्पी और रमेश सिप्पी एवं लेखक जोड़ी थी सलीम खान और जावेद अख्तर,और जिस कहानी का सौदा हुआ था वो थी पिछली शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय सफल फिल्म 'शोले' ।


























जी हाँ,शोले,जो एक मिथक है,एक किवदंती है,एक मील का पत्थर है जिसकी सफलता के सही सही कारण अभी भी अनसुलझे रहस्य हैं । 1975 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने तब से लेकर अब तक की सभी पीढियों को किसी किसी रूप में प्रभावित किया है ।


बी.बी.सी. द्वारा शताब्दी की फिल्म करार दी जाने वाली इस फिल्म का जादू अभी भी कायम है,अभी भी दुबारा रिलीज़ होने पर ये फिल्म अपने साथ की फिल्मों से कही ज्यादा बिजनेस करती है.मुंबई के मिनर्वा थियेटर में लगातार 5 साल चलने का रिकॉर्ड भी शोले के ही नाम है ।


आखिर क्या है इस फिल्म में जिसकी वजह से इसकी चमक अभी तक फ़ीकी नहीं पड़ी है,वो कौनसे ऐसे तत्व हैं जिन्होंने इस फिल्म को अमरता प्रदान की है.कोई कहता है की जब 70' के दशक में लोगों का विश्वास कानून-व्यवस्था से उठता जा रहा था तब ऐसे में एक फिल्म जो व्यवस्था से उम्मीद करके अपनी समस्या खुद सुलझाने का सन्देश देती हुई आई तो लगा जैसे व्यवस्था से पीड़ित समस्त जनमानस की पीड़ा को एक जुबां मिल गयी ।

















दूसरी तरफ रमेश सिप्पी मानते हैं के शोले की सफलता में इसके ध्वनि प्रभावों का बहुत बड़ा हाथ रहा,'जय' द्वारा उछाले गए सिक्के की चट्टान पर गिरकर खनखनाहट,ठाकुर की हवेली में लगे झूले की किरकिराहट,रेल इंजन से निकली भाप का बन्दूक की गोली से साम्य और गब्बर के परदे पर आगमन के समय आती हुई सियारों के रोने की आवाजें,ये सब मिलके एक अजीब ही प्रभाव पैदा करती हैं.इसके अलावा गोली की एक अलग और विशिष्ट आवाज़,ट्रेन के साथ भागते हुए घोड़े और पटरी पर रखे हुए लकड़ी के लट्ठों को चूर-चूर करती ट्रेन,ये सब इससे पहले कभी इतने बड़े और प्रभावी अंदाज़ में देखा नहीं गया ।



















अपने प्रदर्शन के समय ट्रेड पंडितों द्वारा नकार दी गई इस फिल्म ने शुरू के तीन सप्ताह बाद जो रफ्तार पकड़ी वो अपने-आप में हैरतंगेज़ है.सभी ट्रेड मैग्जीनों द्वारा फ्लॉप करार दिए जाने के बावजूद इस फिल्म की अभूतपूर्व सफलता ने उन्ही दिग्गजों को अपने शब्द वापस लेने पर मजबूर कर दिया ।


1972 में जब इस फिल्म की रूप-रेखा बनना शुरू हुई थी तब कई लोगों का भविष्य एक तरीके से इस फिल्म पर ही निर्भर था,आइये बात करते हैं उन लोगों की वर्ष 1972 को मद्देनज़र रखते हुए ।

रमेश सिप्पी:'अंदाज़(1970) और सीता और गीता'(1972) की सफलता के बाद रमेश सिप्पी,सिप्पी बैनर को बी.ग्रेड फिल्मों से ऊपर तो ले आये थे पर उसको कायम रखने के लिए उन्हें लगातार तीसरी हिट की ज़रूरत थी जो वे शोले में देख रहे थे ।
























अमिताभ बच्चन:इस वक़्त तक अमिताभ की झोली में सिर्फ 'आनंद'(1970) के रोल की तारीफ के अलावा 10 फ्लॉप फिल्में थी,उन्हें एक हिट की सख्त ज़रूरत थी अपने डूबते कैरियर को बचाने के लिए,जिसके लिए उनकी सारी उम्मीदों का केंद्रबिंदु शोले ही थी ।















अमजद खान:'जयंत'(ज़करिया पठान) के इस छोटे बेटे के पास ऐसा कुछ नहीं था जिसे कैरियर कहा जा सके सिवाय चंद छोटे-मोटे रोल्स और अधूरी फिल्म 'लव एंड गौड' में स्वर्गीय 'के.आसिफ' की सहायिकी के.ऐसे में जब डैनी द्वारा 'गब्बर' का रोल छोड़े जाने पर अमजद की झोली में ये मौका गिरा तो अमजद को जैसे डूबते को तिनके का सहारा मिला और वो किसी भी कीमत पर इस मौके को ज़ाया करना नहीं चाहते थे ।




सलीम खान-जावेद अख्तर:'सरहदी लुटेरा'(1966) के सेट पर फिल्म में हीरो की भूमिका निभा रहे इंदौर के D.I.G के बेटे सलीम की फिल्म के क्लैपर बॉय और संवाद लेखक जावेद से मुलाक़ात होती है जो दोस्ती में बदल जाती है,दोनों को ही लेखन में रूचि है और दोनों ही फिल्मों में लेखकों की 'मुनीम' जैसी हैसियत से झुब्ध हैं,
वे इस निज़ाम को बदलना चाहते है,उन्हें पैसे के साथ साथ श्रेय भी चाहिए.'अंदाज़' और 'सीता और गीता' में लेखन का श्रेय मिलने की शिकायत करने पर रमेश सिप्पी ने इस तीसरी फिल्म में समुचित श्रेय देने का वायदा किया है.'शोले' की सफलता अब इस लेखक जोड़ी की इज्ज़त का सवाल है ।




तो दोस्तों,इन सब लोगों की आशाओं के आटे में गुंथी एक कहानी उस चार लाइन के विचार से आगे बढ़ कर एक मुक़म्मल शक्ल लेने लगी.आर्मी अफसर की जगह रिटायर्ड पुलिस अफसर ने ले ली और कहानी का ढांचा तैयार होने लगा जिसकी नींव 'मेरा गाँव मेरा देश'(1971),'Butch Cassidy And The Sundance Kid,The Magnificent Seven' और 'Seven Samurai'(1960) जैसी फिल्मों से प्रेरित विचार पर रखी गई थी ।

फिल्म की बहुत सारी घटनाएं/पात्र हकीकी ज़िन्दगी से उठाये गए थे,मुख्य पात्रों ने नाम,जैसे,'ठाकुर बलदेव सिंह' सलीम खान के ससुर का नाम था,'गब्बर सिंह' वाकई में एक दुर्दांत डकैत था जो ग्वालियर के आस-पास के गाँवों में 1950's में सक्रिय था,'सूरमा भोपाली' जावेद के भोपाल के किसी पहचान वाले का नाम था,'हरिराम नाई' सलीम खान के पिता के पुश्तैनी नाई का नाम था और 'जय-वीरू' इनके कॉलेज के दोस्तों का नाम था ।

यहाँ तक जय का बसंती की मौसी से वीरू की शादी के बारे में बात करने वाला दृश्य भी एक वास्तविक घटना से प्रेरित था,हुआ ये था की जावेद 'सीता और गीता' के समय से फिल्म की सह-नायिका 'हनी ईरानी' की मोहब्बत में गिरफ्तार थे,पर हनी ईरानी की माँ जावेद को पसंद नहीं करती थी,मजबूर जावेद अपने दोस्त सलीम से इस रिश्ते की सिफारिश हनी ईरानी की माँ से करने को कहते है इस बात से अन्जान के स्वयं सलीम भी इस रिश्ते के विरुद्ध हैं,और सलीम ने जिस अंदाज़ में अपने दोस्त की सिफारिश की वो तो आप सब ने शोले में देखा ही होगा ।


















मैंने शोले पहली बार कब देखी ये मुझे याद नहीं,पर इतना ज़रूर याद है के मेरे चाचा के यहाँ इसके संवादों वाला LP रिकॉर्ड खूब बजता था,मेरे बाल मन पर 'गब्बर,ठाकुर,बसंती' की खूब छाप पड़ी और एक समय ऐसा आया जब मुझे इसके सारे संवाद तरतीब में अक्षरंश याद हो गए थे,घर पर मेहमान आने से मुझसे 'शोले' के संवाद सुनाने की फरमाईश की जाती और बदले में 25 पैसे मिलते ।


उसके बाद जब ये फिल्म देखी और जाने कितनी बार देखी याद नहीं क्योकि हमारा घर शहर में होने की वजह से हमारे गाँव से जो भी रिश्तेदार शहर 'शोले' देखने आता वो हमारे घर ही रुकता और ऐसे में उसके पीछे लग के मेरा 'शोले' देखने जाना लाज़मी ही था.अनगिनत दफ़ा 'शोले' देखने की वजह से इसके सारे दृश्य और संवाद सीन-दर-सीन मुहज़बानी याद हो गए थे ।


ये शोले की ही वजह थे जिसके बाद से मुझे ट्रेनों में सफ़र करना बहुत रोमांचक लगने लगा,मेरा बाल मन हर ट्रेन-सफ़र के दौरान बस इस इंतजार में रहता की कब गब्बर के डाकू हमला करें और कब ट्रेन के सबसे पीछे के गार्ड के डिब्बे से निकल के 'जय-वीरू' उनकी पिटाई करें ।

हर बार शोले देखने के बाद इस बात पर बहुत गुस्सा आता था के गब्बर के अड्डे से भागते समय धर्मेन्द्र ने कारतूस के बक्से से इतनी कम गोलियां क्यों निकाली जिससे के उनकी गोलियां बीच में ख़त्म हो गईं,क्यों नहीं उन्होंने सारे डाकुओं को गब्बर के अड्डे पर ही ख़त्म कर दिया,क्यों नहीं उन्होंने डाकुओं की सारी बंदूकों को अपने कब्ज़े में ले लिया जिससे के 'जय' के मरने की नौबत नहीं आती!!



इस बात पर भी बहुत गुस्सा आता की फिल्म के आखिर में गब्बर को बचाने पुलिस कहा से पहुँच गयी,पूरी फिल्म में तो डाकुओं को मारती पुलिस कही नज़र नहीं आती पर आखिर में गब्बर को बचाने झट पहुँच जाती है.और सबसे ज़्यादा बुरा तो उस दृश्य में लगता था जिसमे गब्बर मास्टर-अलंकार को गोली मारता है,आखिर अलंकार घर से नहाने के बाद बाहर ही क्यों निकला...अगर वो घर से बाहर ही नहीं निकलता तो शायद बच सकता था ।




शोले में बहुत सारी बातें लीक से हटके थी,जैसे इससे पहले डाकुओं का अड्डा रेतीली ज़मीन पर होता था और डाकू उसूल वाले होते थे,धोती-कुरते में रहते थे माथे पर लम्बा सा तिलक लगाये हुए,पर शोले का गब्बर आर्मी की वर्दी में रहता है और उसका अड्डा चटियल बड़े-बड़े विशाल साइज़ के पत्थरों के बीच है,और उसके कोई उसूल नहीं है,वो बुरा है,इतना क्रूर के अपने दुश्मन के खानदान को समूल नष्ट करने से भी पीछे नहीं हटता,और हद-दर्जे का घमंडी भी,भला कौन ऐसा डाकू होगा जो अपने सर पर रखे इनाम को ताज की तरह पहनता हो ।


शोले में दो दोस्त भी है जो दोस्ती की खातिर एक दुसरे के लिए जान भी दे सकते है पर उनकी दोस्ती में एक दुसरे की प्रशंसा के लिए कोई जगह नहीं,शायद उनके पास एक दुसरे के लिए कहने के लिए कुछ भी अच्छा नहीं है,इसीलिए जब 'जय' अपने दोस्त के रिश्ते की बात चलता है तो उसके पास कहने के लिए कुछ भी भला नहीं था.ऐसी बेफिक्र दोस्ती इससे पहले सिनेमा के परदे पर नहीं दिखी ।










बदले की आग में जलता एक रिटायर्ड पुलिस अफसर है जो अपने परिवार का बदला लेने के लिए कानून का दरवाज़ा नहीं खटखटाता,बल्कि खुद ही दो बदमाशों के सेवाएं लेता है,ये साफ़ सन्देश था आम जनता के लिए की अब व्यवस्था से उम्मीद करना बेकार है,जो भी करना होगा खुद ही करना होगा ।










दो सामानांतर चलती हुई प्रेम-कहानियां भी है,एक मुखर और उफनती हुई,दूसरी खामोश और अंदर ही अंदर पलने वाली.पहली का इज़हार डंके की चोट पर पानी की टंकी पर चढ़के किया जाता है और दूसरी का खामोश रातों में माउथ-आर्गन के सुरों द्वारा ।































आइये,बात करते है शोले से जुडी कुछ ऐसी चीज़ों की जो शायद आपने पहली कभी देखी-सुनी न हों. ये देखिये शोले के गब्बर सिंह के अड्डे की आज की लोकेशन

































शोले से जुडी कुछ तसवीरें देखिये...




































दोस्तों,हम सभी जानते हैं के शोले में ये 5 गीत थे:
1.ये दोस्ती हम नहीं छोडेंगे...
2.कोई हसीना जब रूठ जाती है...
3.होली के दिन दिल खिल जाते हैं..
4.जब तक है जां....
5. महबूबा-महबूबा...
पर उपरोक्त गीतों के अलावा एक कव्वाली भी थी जिसकी रिकॉर्डिंग तो हुई थी पर फिल्माई नहीं गई थी,जिसकी वजह से ये कव्वाली फिल्म में शामिल नहीं हो पाई थी.उस कव्वाली को स्वर दिए थे 'किशोर कुमार,भूपेंद्र,मन्ना दे और आनंद बक्षी' ने,बक्षी जी को आखिर तक मलाल रहा के अगर वो कव्वाली फिल्म में शामिल की जाती तो उनका कैरियर गायक के रूप में भी चल निकलता. तो दोस्तों पेशे-खिदमत हैं आप सब के लिए वो कव्वाली जिसे आप लोग यहाँ सुन सकते है.
(Song Courtesy:Alok Bhai)

इसके अलावा शोले के ओरिजनल अंत का और सचिन के मौत के दृश्य का विडियो पहले ही कॉमिक वर्ल्ड पर पोस्ट किया जा चूका है,आप उसे इस लिंक पर क्लिक करने से देख सकते हैं.




















और एक बात,क्या आप जानते है 1999 में ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट में समलैंगिकों के सिनेमा समारोह में 'शोले' का प्रदर्शन करके ये बात स्थापित करने की कोशिश की गई थी के जय और वीरू के बीच में सामान्य दोस्ती के अलावा भी रिश्ते थे.मोटर-साइकिल पर दोनों द्वारा गाए गए गाने 'ये दोस्ती हम नहीं...' के दौरान वीरू का जय के कंधे पर बैठकर उसके बालों में हाथ फेरते हुए माउथ-आर्गन बजाने व जय का मौसी से वीरू के रिश्ते के बारे में बातचीत का सन्दर्भ देते हुए इशारा किया गया था की ये सब बाते उसी असामान्य 'रिश्ते' की परिचायक हैं.क्यों हैं न बेहद चौंकाने वाला विश्लेषण...




यूँ तो शोले के पात्रों पर आधारित ढेरों विज्ञापन बने हैं,पर 'ब्रिटानिया-ग्लूकोज़' का अमजद द्वारा किये गए इस विज्ञापन की बात ही अलग है,क्योकि ये अपने आप में पहला शोले पर आधारित एड था ।
























दोस्तों,इतनी अहम् और लम्बी पोस्ट हो और उसमे क्विज न हो,ऐसा तो हो ही नहीं सकता,तो पेश है शोले-स्पेशल क्विज,हिस्सा लीजिये और अपने ज्ञान के शोले भड़काईये.

1.ठाकुर के बड़े बेटे की भूमिका किस अभिनेता ने निभाई थी.
2.शोले के 'महबूबा-महबूबा' गीत पर एक animated ad बना था,आप बता सकते है वो किस product का एड था.
3.जय के रोल के लिए रमेश सिप्पी पहले किस अभिनेता के नाम पर विचार कर रहे थे.
4. वो कौन सा अभिनेता है जिसने शोले में दो चरित्र निभाए हैं.
5.जलाल आगा मशहूर निर्माता-निर्देशक स्वर्गीय 'के.आसिफ' से किस प्रकार सम्बंधित(professionally) रहे हैं.
6.शोले के 'जय' यानी अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शराबी'(1984) में अमिताभ की माँ की भूमिका किस अभिनेत्री ने निभाई थी
7. ज़रा बताइए तो उपरोक्त तसवीरें शोले के किन दृश्यों से ली गईं हैं.
(1)









(2).















(3)




















8. शोले के एक बाल कलाकार सचिन इस तस्वीर में कुछ कॉमिक्स के साथ हैं,जिसमें इंद्रजाल कॉमिक्स भी है,क्या आप तस्वीर को गौर से देख के बता सकते है के सचिन के बराबर में इंद्रजाल कॉमिक का कौन सा अंक पढ़ा है.
























9. असरानी के साथ ये कौन कलाकार आँखे लड़ा रहा है.













10. बताइए तो शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी ने किस फिल्म में 'अचला सचदेव' के बेटे की भूमिका एक बाल कलाकार के तौर पर निभाई थी.
11. शोले को सिर्फ एक फिल्मफेयर अवार्ड मिला था,क्या आप बता सकते है वो कौनसी श्रेणी में किस आर्टिस्ट को मिला था.
12. गब्बर को हथियार बेचने वाले का स्क्रीन नाम क्या था.
13.शोले में एक मशहूर चरित्र अभिनेता ने भी काम किया था जिसने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मूक फिल्मों के हीरो के रूप में की थी.क्या आप बता सकते है इस कलाकार का नाम.
14. शोले में जया बहादुरी के पति की भूमिका किस अभिनेता ने की थी.
15.शोले के रिलीज़ वाले दिन सभी दफ्तर-ऑफिस और दुसरे प्रतिष्ठान बंद थे,क्या आप बता सकते है क्यूँ.



(Information Sources with Courtesy:Sholay-The Making of a Classic By Anupama Chopra, Unidentified net sources and my memory/Research)
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दोस्तों,इस पोस्ट पर काफी समय और मेहनत लगी है,उम्मीद है आप सब को पसंद आई होगी.कृपया अपने विचारों से अवगत ज़रूर कराएं ।


चलते-चलते दशहरा/राम नवमी की शुभकामनाओं के साथ एक खुशखबरी,मित्रों हमारे और आपके रफीक भाई(अरे वही comicology वाले) अब अकेले नहीं रहे,बल्कि दुकेले हो गए हैं...नहीं समझे!अरे भइय्या उनकी २६ सितम्बर को शादी हो गई है.चलिए शुभकामनाएं दीजिये उनको सुखी वैवाहिक जीवन के लिए,अब उन्हें दुआओं की सख्त ज़रूरत पढ़ने वाली है ।

48 comments:

Toonfactory said...
This comment has been removed by the author.
Toonfactory said...

BHai Wahh Zahir Bhai...Dil Khush Kar Diyaa...Bilkul Anokhe Andaaz mein Sholay ke 70MM Parde ke peechhe Ki In Kahaniyon Ko Sun..I mean Padh kar Dil Khush Ho Gaya...

BTW Sholay Bharat ki pehli 70MM aur Stereophonic Sound wali Film Hai...

Stereophonic matlab gaane aur audio do layers par record kiye gaye the...Kyonki Stereophonic Us waqt ek mehngi technique thi aur India mein uske liye sahi technicians available nahin the recording Pancham Da ne khud ki thi...thodi gadbad zaroor hai kyunki aaj agar aapko track dono layers ki recording alag karni ho to namumkin hai...wo stereophonic hone ke baad bhi aapas mein gaddmadd hain...Par stereophonic sound ki wajah se film ke soundeffects mein jo jaan aayi uska zikra to aap kar hi chuke hain!

Toonfactory said...

Stereophonic ka ek achha example aap Chaand Sa Koi Chehra Qawwali mein bhi dekh sakte hain jismein directional sound record kiya hua hai second half mein

jitesh said...

Mausi waale scene ke baare main Saleem Javed jo bhi kahain, uska half ticket (kishore kumar) ke ek scene se samanta keval sanyog nahin ho sakta. Is scene main ek pandit kishore kumar ke liye rishta le kar aata hai, aur kishore kumar maali ban kar apne baare main aisi hi baatain batate hain.

kuldeepjain said...

Jaheer Bhai..

ek aisee post jo sahej ke rakhe jane ke kabil hai..

bahut badia..shandar..

as i mentioned you before your quiz is always mind boggling but I tried to answer few..


3- Shatrughan Sinha

7-1 Amjad khan killing master alankar

7-2 amjad khan threating Sanjeev kumar when he got 20 yr term in jail

7-3.. villagers gathers near sachin dead body

9 .. Rajkishore ( same guy you quizzed in Deewar)

12.. Heera


15.. 15 august release ( Tukka mara hai)



again there are few similarities between your sholay experinece and mine.. i am used to call 'gabbar' when i was a kid as i was reciting dialogues of sholay very well and my maternal uncles gave me this name.. i used to recite before them and it was one of my good show for them..

i learned mouthoragn inspired from this movie only.. my favourite Mouth organ song is still " ye dosti" which i learned for my best friend 'manish Dholakia' and i alawys dream that one day may be me and manish will have a photo similar like jai and beeru in motorcycle.

watching Sholay is still ON and I donot think anyone will get tired of it.. i say to all here in sydney if someone asks me about hindi movies" if you have not watched sholay then you donot know what is bollywood" so watch first sholay and then try other movies..

my passion for sholay is still high as i extracted audio from my sholay DVD .. made an MP3 CD and in my car MP3 player i listen dialogue of sholay.. remembering the old days when i used to listen sholay dialogure in our only panasonc audio cassette player.

i still close my eyes , ear when the scene comes when gabbar cuts hands of thakur.. most painful scene of sholay for me ..

my eyes get wet when Jai dies and the song ye dosti is played..

you can feel the sadness inside you when JAya bhaduri closes the window after that..

" tumahra nam kya hai basanti" this dialogue comes out of your mouth at same time when u listen the dialogue of sholay in that scene.. and i can remember that the whole thetare was burst in to laughter on this dailogue..

truly sholay deserve to be movie of the millenium..

great work from you .. thanks..

kuldeep

Comic World said...

Toonfactory: Shukriya Alok Bhai ke aapko ye post pasand aai,aur aapki special comments with rare information ka bhi shukriya.

Comic World said...

Jitesh: Apne bare me aisi baate karne aur dusro ke bare me batane me farq hai.Apni burai to isse pehle bhi kai filmon me character kar chuke hai par dusro ke baare me khastaur par apne dost ke bare mein aisi 'tareef' shayad pehli baar hi Sholay me ki gai thi.

Comic World said...

Kuldeep: शुक्रिया Kuldeep भाई जो आपको ये पोस्ट पसंद आई.ये पोस्ट,ये विषय काफी वक़्त से ज़हन में पक रहा था,मैं बस किसी उपयुक्त मौके की तलाश में था जो अब जाके मिला, कोशिश तो काफी की है इस पोस्ट को उम्मीदों पर खरा उतर सकने की, देखिये बाकी लोगों को भी कैसी लगती है.
'शोले' एक ऐसी फिल्म है जो बचपन से मेरे अवचेतन मन पर अपनी गहरी छाप छोड़ चुकी थी.ये सिर्फ एक मूवी ही नहीं रही बल्कि एक कल्चर,एक मिथ,एक किवदंती बन चुकी है.ठीक कहा आपने,अंत में जया का खिड़की बंद करना उसकी सारी आशाओं के ख़त्म होने का सांकेतिक रूप था.
सवालों के जवाब देने की आपने अच्छी कोशिश की है,कुछ सही है और कुछ सही नहीं,पर कोशिश जारी रखिये..

Silly Boy. said...

First about the post:-
Marvellous.
Now comments from my side:- So much has been said and written about Sholey that now one feels at a loss what to write about it. Sholey is part of our culture. There is no other film which touched the heart of nearly every part of the society. The level of its popularity can be judged from the fact that even minor characters of this film are very popular among the masses. So many advertisements are inspired from it and so many parodies have been made on it. I have also watched it a number of times and still watch it whenever I have time and opportunity. Why that qwalli was not included in the film? I also want to read Anupama Chopra's book.
Now on quiz:-
I know only two answers:-
3. Shatrughan Sinha.
15. It was released on Independence Day.
Now some information on my side:-
1.Do you know that all the three major actors of Sholey - Dharmender, Sanjeev Kumar and Amitabh Bacchan were interested in playing the character of Gabbar Singh and the makers had a tough time to convince them to play their respective roles.
2. Initially, Dharmender was interested in playing Thakur’s role and his role was going to Sanjeev Kumar but when he came to know that in that condition Sanjeev Kumar would play the romantic lead with Hema Malini he changed his mind. Sometimes, I wonder how Sanjeev Kumar look in Veeru’s role. Though he was a very good comic actor too but he did soft comic roles and never a wild comic role.
Now some contemplation on my side.
1. Though Danny was the original choice of makers for Gabbar Singh and Amjad Khan immortalized it on screen. But sometimes I wonder which another actor could do that role as effortlessly and as magnificently as Amjad Khan. My choice is not Danny (though I am great fan of Danny). My choice would be Shatrughan Sinha. What do you think.
In the end a good effort by you.

वेताल शिखर said...

अरे गज्जब! लेकिन फ़ीड नहीं मिल रही इस पोस्ट की, जानकारी नहीं मिली समय से.

गब्बर पारले का नहीं, ब्रिटैनिया का विज्ञापन कर रहा है.

और तो क्या कहें, शोले तो महासागर है. चाहे जितने गोते लगाओ.

Toonfactory said...

By the way - Mausi Scene is based on an age old bengali joke (I remember the Hindi Translation)- Ladka Pyaaz Bahut Khaata Hai...and then it goes on a chained series of Ladke ki Buraayi...This joke was first used by KK in Half ticket and later used by Salim-Javed in Sholay. Though, after it became such a popular scene the writer duo had another backstory for it...but the truth is the joke is age old in Bengali...far older than both these classics!

Comic World said...

SB: Thanks Arun.True,Sholay is unmatched in every respect.
Well,that qawwali was recorded because it was/is a normal practice to record the song in advance prior to the shooting of film,but afterward its was felt by Ramesh Sippy and his editor M.S.Shinde that this qawwali will unnecessarily add to the already lengthy film,hence its filming was dropped.
Anupama Chopra's book is available everywhere,you can easily get it.
Yes,initially Dharam paji was keen to play Thakur's role but when Ramesh told him that by this Hema would pair up with Sanjeev then Dharam changed his mind as during 'Seeta Aur Geeta' Sanjeev already proposed Hema and that proposal was under consideration of Hema's mother.So,Dharam-paji,naturally,
didn't wanted to give space to any such opportunity which in future could culminate in any 'unwanted' situation concerning his 'soft' feelings for Hema.
On the other hand Amitabh wanted to play Gabbar's role but since he was not that much big star that time where he could dictate his choice,so his wish was refuted by director.Sanjeev also was interested in Gabbar's role but was easily convinced by director to play his already planned role, by quoting that Gabbar was ultimately a villain no matter how much glorified,and Sanjeev was not much interested in taking up negative characters at that time.
Amjad was the only person who didn't rolled out of the track,as beggars are not choosers.
Shatru would have been a fine choice but i have doubt that he could have imparted that larger than life persona to the role which Amjad did had.
In the end,nice try for the quiz,but still most questions are unanswered,keep trying.

Comic World said...

वेताल शिखर: ठीक कहा,वो ब्रिटानिया का ही विज्ञापन था.त्रुटी के लिए खेद है.

KK said...

This was so much fun.. incidentally I am reading the same book from Anupama Chopra.. a definite must read...

kuldeepjain said...

13.शोले में एक मशहूर चरित्र अभिनेता ने भी काम किया था जिसने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मूक फिल्मों के हीरो के रूप में की थी.क्या आप बता सकते है इस कलाकार का नाम.

ans: i think it is Jairaj ( police office colleague of Sanjeev Kumar )

Anonymous said...

Wah kammal hai. kitni mehnet se aapne ye blog likha dekh kar pata chalta hai. Aapki knowledge aur mehnet wakai mein tarif ke kabil hai.
-Satish

Chatur Chootiya said...

u have done a good job. I m veyr happy. wite more about thiis.

Comic World said...

KK: Enjoy your read pal.

Comic World said...

Kuldeep: You are right bro,he was indeed Jairaj.Still many questions are left unanswered,do try them too.

Comic World said...

Anon: Shukriya Satish.Kripya quiz me bhi hissa lijiye.

Comic World said...

CC: Thanks CC(contradictory nick).What u think about the quiz.

AJAY said...

Hello Zaheer , a very nice post about Sholay .

Ajay

Comic World said...

Ajay: Thanks Ajay.

kk said...

Bahut hi oonda post. Halla ki pehle main darr sa gaya tha ki kya main itni lambi-choddi post devangiri lipi main padh paooga ki nahin, magar aap ne itne rochak tarike se likha ki main angrezi jaise padh saka. :)

My own memories: our neigbours (who worked for a airline) brought a VCR and invited us to see Sholay. I must have been 3 or 4 years old. I swear, until I brought my own DVD player in the last 5 years or so, I never saw another movie in VCR. :)

kk said...

Aur aagar hum aaj kal ke nazariye se dekhe toh Amitji ka har Yaarana, chahe woh Amjad, Vinod ya Shashi ke sath ho, Dostana jaise sawal oothaigi. :)

Comic World said...

KK: Bahut shukriya KK bhai in lafzon ke liye.Chunki is post me baat ek Hindi movie ki karna thi isliye isko likha bhi Hindi mein.

KK said...

Please dont post answers.. I am almost done...

Comic World said...

KK: Be assured,won't be posting answers before anyone would at least give a try.Eagerly waiting for your answers,my best wishes are with you.

Kishore Karkera (KK) said...

1.ठाकुर के बड़े बेटे की भूमिका किस अभिनेता ने निभाई थी.
1 - Arvind Joshi - I think he is the father of Sharman Joshi (Rang De Basanti, Golmaal, and Dhol)

2.शोले के 'महबूबा-महबूबा' गीत पर एक animated ad बना था,आप बता सकते है वो किस product का एड था.
2 - Strepsils (The actor - not sure if it was Jala Agha himself - used it to clear his throat while singing the song)

3.जय के रोल के लिए रमेश सिप्पी पहले किस अभिनेता के नाम पर विचार कर रहे थे.
3 - Shatrugan Sinha. Thank god that did not happen.

4. वो कौन सा अभिनेता है जिसने शोले में दो चरित्र निभाए हैं.
4 - Mustaq Merchant -
Engine driver during the initial scene introducing Viru and Jai.
The owner of the bike with the sidecar (that Viru/Jai steal).

5.जलाल आगा मशहूर निर्माता-निर्देशक स्वर्गीय 'के.आसिफ' से किस प्रकार सम्बंधित(professionally) रहे हैं.
5 - The only one I know is that Jalal played "Young prince Salim" in K. Asif's magnum opus "Mughal-e-Azam"

6.शोले के 'जय' यानी अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शराबी'(1984) में अमिताभ की माँ की भूमिका किस अभिनेत्री ने निभाई थी
6 - Is it Ashalata Wabgaonkar playing Mrs. Kapoor.

7. ज़रा बताइए तो उपरोक्त तसवीरें शोले के किन दृश्यों से ली गईं हैं.
(1) Just after the chase scene - gabber is shooting at Thakur and then the famous "Eh haat nahin phase kA phanda hai"

(2) Scene where Gabbar warns Thakur - after his sentencing.

(3) Reaction after watching Ahmed's (Sachin) body - death scene

8. शोले के एक बाल कलाकार सचिन इस तस्वीर में कुछ कॉमिक्स के साथ हैं,जिसमें इंद्रजाल कॉमिक्स भी है,क्या आप तस्वीर को गौर से देख के बता सकते है के सचिन के बराबर में इंद्रजाल कॉमिक का कौन सा अंक पढ़ा है.
8 - Still trying. I think it is a phantom one with the skull cave in the background - colored purple..

9. असरानी के साथ ये कौन कलाकार आँखे लड़ा रहा है.
9 - Still trying .. even wikipedia comes out with nothing.. not giving up though.

10. बताइए तो शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी ने किस फिल्म में 'अचला सचदेव' के बेटे की भूमिका एक बाल कलाकार के तौर पर निभाई थी.
10 - Shahenshah (I had no idea.. that was wikipedia)

11. शोले को सिर्फ एक फिल्मफेयर अवार्ड मिला था,क्या आप बता सकते है वो कौनसी श्रेणी में किस आर्टिस्ट को मिला था.
11- Best Editing for M. R. Shinde

12. गब्बर को हथियार बेचने वाले का स्क्रीन नाम क्या था.
12 - Yeh Heera Gabbar ko banduke aur goliyaan bechne aata hai.

13.शोले में एक मशहूर चरित्र अभिनेता ने भी काम किया था जिसने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मूक फिल्मों के हीरो के रूप में की थी.क्या आप बता सकते है इस कलाकार का नाम.
13 - One and only Jairaj - he acted in 11 silent movies during 1929-31

14. शोले में जया बहादुरी के पति की भूमिका किस अभिनेता ने की थी.
14 - Iftekar played Narmalaji..

15.शोले के रिलीज़ वाले दिन सभी दफ्तर-ऑफिस और दुसरे प्रतिष्ठान बंद थे,क्या आप बता सकते है क्यूँ.
15 - August 15th (1975).. Independence day

Kishore Karkera (KK) said...

8 - Indrajal 244 - Skull Cave attacked - Ohh I am sooo good.

9 - Cannot decipher.. he is the enuch.. but cannot get any further. Could be Girija or Saigal??

Comic World said...

Kishore Karkera(KK): Wow... marvelous,hats off to you Kishore.You have answered all the questions correctly except two,never mind, heartiest congrats for solving this grand quiz in such a impressive way.
The answer of Q.no.9 is 'Rajkishore',surprisingly this question has been already answered by Kuldeep in this very comment section,you might have overlooked it,the answer of Q.No.14 is Sharad Kumar,who played the younger son of Sanjeev Kumar and husband of Jaya Bhaduri.
Its very special of you to recognize the scenes from the stills,and to mention specially is still no.1 of Q.No.7 which you correctly recognized where Gabbar fires on Thakur just before the famous dialogue "गब्बर सिंह,यह हाथ नहीं फांसी का फंदा है".
Also worth mention is to recognize that Indrajal comics which was lying beside Sachin and finding out the professional relation between 'Jalal Agha' and 'K.Asif',Jalal played young Dilip Kumar in 'Mughl-e-Azam'.
Once again congrats for being the lone person who gave maximum correct answers.Let me know if you and other persons endorse the idea of such type of quizzes so that i can continue them otherwise before your answers at one point of time i was wondering that whether persons are not interested in quiz or i have put up a very hard quiz.

kuldeepjain said...

bhaiya jee answer to tab dete na jab pata hota..?
i think you have answer of question like :

1. Sholay jis studio me bani thi uska bijlee ka bill kitna aaya tha ?

2. Gabbar singh ke ghode ka kya na tha..

3. as a polic office sanjeev kumar ki salary kya thi?


wagera wagera..

ab sir jee itne khatarnak question poochoge to time to lagega he na..
KK bhai saab ne to phir bhi kaphi kam waqt liya..

By the way.. do u recall the stunt double who rode 'tanga' on one wheel when daquait chases basanti ..

Kishore Karkera (KK) said...

Answer to 14 was wrong because I read it as Pita instead of Pati... :-)

And yes.. CC - we need more of these quizzes..

BTW Kuldeepjain, the stunt double for Hema Malini's famous tanga scene was "Reshma"

And for the other questions you posed

1. Sholay jis studio me bani thi uska bijlee ka bill kitna aaya tha ?
A - Rs 1,246,000 (without the transport charges to get these equipments to the remote village of Ramanagaram and also not including the cost of the shooting of "Mehbooba" at the R.K Studios)

2. Gabbar singh ke ghode ka kya naam tha..
A - Nefertiti nickname "Nafrati" was one that was used by all including Gabbar.

3. as a police office sanjeev kumar ki salary kya thi?
A - Rs 310 (officially for a honest one .. no limit for others).

wagera wagera..

Comic World said...

Kuldeep: Ha..ha ha....many thanks Kuldeep bhai for such nice compliments.
Rahi baat aapke dusre sawaalon ki,unka answer to KK bhai ne de hi diya hai.
Kuldeep aur Kishore Bhai aap dono ka shukriya quiz ke mutalliq haunsla-afzaai ka,ummeed hai aage bhi aap aur sabhi doston ke liye aisi hi quiz pesh karta rahunga.

Lalit said...

comic guy .. excellent post .. bhai ye gabbar ki location kahan ki hai ? dhanyavad in advance .. :)

Comic World said...

Lalit: Many thanks Lalit.This location is from Ramanagaram of Banglore.

Amit Pachauri (अमित पचौरी) said...

Thanks for this wonderful post. Its so good to know some unknown facts about a movie loved for half a century almost. Reading all this in Hindi is more joyful.

Rafiq Raja said...

Took sometime to read, but it was worth every bit, to know about one of the biggest movies ever in Bollywood.

Still remember those days, when I used to wonder why this movie alone came in two Video Cassettes, while all others were mostly contained in one.

A jump to edge of Seat, Thriller, retelling the friendship of two actors on screen. So good to know the background scenarios of the movie.

Thanks much Zaheer Bhai :)

Comic World said...

Amit Pachauri: Welcome Amit.It was written in Hindi to enjoy it at most.

Comic World said...

Rafiq Raja: Well,regrets for putting this post in Hindi,i knew that Hindi can prevent this post from reaching to a wider readership but this post was written giving preference to quench my longtime urge to write something about my one of the most cherished movie in the language in which i saw it.
I hope this post will pick up late as the movie did.

Rafiq Raja said...

प्रिय दोस्त ज़हिर भाइ: शादि निकाह के आर्तिक सुभ्काम्नाये के लिये धन्य्वाद | अब तक दुकेले नहि हुए.... पर अकेले तो नहि है :)

अप्नि शुक या शोक कथा सुनाने के लिये मै ने भी एक ब्लोग पोस्ट कर्वाह ही दाला. येहा पे : http://www.comicology.in/2009/11/me-her-and-her-only-love-in-comics.html

सब मित्रो को त्यव्हार महीने कि बदायीया | दन्यावाध, प्रिय मित्रो :)

Karen said...

i want to read this post really badly, but i cant read hindi. could someone post this in english?

Comic World said...

Karen: Welcome to Comic World.You have a fantabulous blog about Bollywood stars,liked it very much.
Well,that post was prepared and posted in Hindi to satisfy a long time urge to write something about one of my favorite movie in the language which i adore most.
But now it seems that its being in Hindi is preventing it to reach to a wider readership,hence will be thinking to repost it in English also.

Unknown said...

its vert nice post about SHOLEY the unforgaetable story hope i can see more on other films to cause started with MAJBOOR then you come SHOLEY so pls tell us somthing about MAJBOOR also
thanx

Comic World said...

Rajesh: Thanks.Yes,i have plans to share something about many of those movies of Amitabh's golden era.

parag said...

Zaheer Bhai,
Sholay had famous scene of Dharmendra threatening to suicide from water tank.
As Ramgarh village was not having electricity so how villagers used to climb water to water tank.

Comic World said...

Parag Bhai the water tower was another way to criticize on the government policies and its efficiency.The village would have been promised to have electricity soon and that is why the water tank may have been erected but time simply would have been passed without any fulfillment of the govt.promises.

parag said...

Zaheer bhai,
Some way or other, you have praised the Govt. Being a part of real estate & infrastructure industry has noticed that in India infrastructure comes after habitation by population. We used to think that Greater Noida in Delhi NCR was the First Township, where infrastructure preceded the population. No the pioneer in this trend was village Ramgarh.

From the lighter mood, Let us go back to Sholay, impact of Sholay is such that Dhanno (mare) is still remembers by movie lovers. Chetek & Dhanno are most sought name of horse species in India.

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